हरि ओम प्रिय दर्शकों इस वीडियो में हम जानेंगे कि श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी 2025 में कब मनाई जाएगी? क्या पूजा विधि है? क्या पारण का समय रहने वाला है? 2025 मे
- पुत्रदा एकादशीका महत्व
- एकादशी व्रत विधि
- पुत्रदा एकादशी 2025 मे कब है
- पारन विधि और समय
- एकादशी व्रत मे ध्यान रखने योग्य बतें
- अपनी कुंडली या उससे संबंधित जानकारी के लिए Ci Jyotish से संपर्क करें
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पुत्रदा एकादशीका महत्व
श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी को पवित्रा एकादशी कहा जाता है। परंतु यह पुत्रदा एकादशी के नाम से बहुत ज्यादा विख्यात है। यानी कि लोग इसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जानते हैं। क्योंकि इस एकादशी का व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है। पुत्र की प्राप्ति होती है। और जिन्हें पुत्र की प्राप्ति है, जिनके संतान है, उनके पुत्र के जीवन में संतति के जीवन में उन्नति प्रगति देखने को मिलती है। प्रिय दर्शकों एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत करने से पूजन आराधन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और एकादशी माता प्रसन्न होती हैं। और हर एक व्यक्ति के लिए एकादशी का व्रत करना जरूरी होता है। यदि आप व्रत नहीं कर पाते तो कम से कम अन्न खाने से जरूर बचना चाहिए
एकादशी व्रत विधि
इसकी क्या विधि है? तो इसमें अलग-अलग विधियां हैं। जिस विधि से आप कर सके आपकी श्रद्धा भक्ति आपका शरीर साथ दे उतना आप कर सकते हैं। आप दशमी के दिन तुलसी जरूर तोड़ लें क्योंकि एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोड़ी जाती और तुलसी भगवान विष्णु को अर्पण करना जरूरी होता है।दशमी के दिन आप मध्यान यानी दोपहर का भोजन करके फिर भोजन ना करें और फिर द्वादशी को आप पारण करें। बिना अन्न जल के निर्जला आप एकादशी व्रत करें। यदि यह ना संभव हो तो आप जल लेकर यात्रा व्रत कर सकते हैं और यदि इतना भी ना संभव हो तो आप एकादशी के दिन प्रातः काल व्रत को धारण करें और फिर द्वादशी को पारण करें और फलहार वगैरह इत्यादि ले द्वादशी को फिर पारण कर सकते हैं। यदि यह भी ना संभव हो तो फिर आप एकादशी को व्रत सुबह धारण करें और उसके बाद सूर्य अस्त के बाद आप फलहार इत्यादि करके और पारण कर सकते हैं। जो भी आपका शरीर साथ दे वैसे आप व्रत कर सकते हैं। इसमें रात्रि जागरण का बड़ा महत्व है। यदि हम रात्रि जागरण नहीं करते हैं तो हमें जो पुण्य प्राप्त होता है उसका आधा ही पुण्य प्राप्त हमें होता है। यदि आपके लिए संभव हो तो आप रात्रि जागरण भी कर सकते हैं। और इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। जितना हो सके तो भगवान के भजन में अपना समय बिताना चाहिए।
पुत्रदा एकादशी 2025 मे कब है
आइए जानते हैं कि 2025 में कब मनाई जाएगी पुत्रदा एकादशी? तो 2025 में 4 अगस्त सोमवार को दोपहर में 11:42 से एकादशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी और 5 अगस्त को मंगलवार को एकादशी दोपहर तक रहेगी। तो उदय तिथि में होने की वजह से द्वादशी युक्त एकादशी होने की वजह से 5 तारीख मंगलवार यानी कि 5 अगस्त 2025 को पुत्रदा एकादशी पवित्र एकादशी का व्रत किया जाएगा
पारन विधि और समय
पारण जो है तो बुधवार को सुबह पौ: 4 बजे से लेके सवा5 बजे तक किया जाएगा 8:10 तक तो आप इस समय पारण भी कर सकते हैं पारण करने के लिए भगवान का चरणामृत या आप तुलसी से या चावल से पारण कर सकते हैं और पारण के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उसके बाद फिर आप अपना पारण कर सकते हैं। यदि भोजन कराने की व्यवस्था ना हो तो आप सूखा सीधा दान कर सकते हैं और फिर अपना पारण कर सकते हैं।
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एकादशी व्रत मे ध्यान रखने योग्य बतें
दशमी तिथि से ही संयम
एकादशी व्रत से एक दिन पहले दशमी तिथि से ही नियमों का पालन शुरू हो जाता है।
सात्विक भोजनः
दशमी तिथि को सात्विक भोजन करना चाहिए और तामसिक वस्तुओं से परहेज करना चाहिए।
ब्रह्मचर्य का पालन
एकादशी व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
क्रोध, झूठ, और निंदा से दूर रहें
एकादशी के दिन किसी की निंदा, चुगली, या झूठ नहींबोलना चाहिए
रात्रि जागरण
एकादशी के दिन रात्रि जागरण करके भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करना चाहिए
दान-पुण्य
एकादशी के दिन दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है
फलाहार
एकादशी के दिन फलाहार या दूध या जो आपके पास उपलब्ध हो
द्वादशी तिथि में पारण
द्वादशी तिथि में भगवान का पूजन ब्राह्मण भोजन दान पुण्य करने के बद पारण करना चहिए
एकादशी व्रत में क्या न करें
एकादशी के दिन किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए , चावल , प्याज, लहसुन, का सेवन नहीं करना चाहिए
पान
एकादशी के दिन पान का सेवन नहीं करना चाहिए
हिंसा
किसी भी प्रकार की हिंसा से दूर रहना चाहिए
शारीरिक श्रम
एकादशी के दिन शरीर को अधिक थकाने वाले काम नहीं करने चाहिए
एकादशी व्रत में क्या करें
एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। व्रत कथा का पाठ और मंत्रों का जाप करना चाहिए
तो यह रही एकादशी की विधि और कब एकादशी मनाई जाएगी
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