Purnima Kab Hai | कार्तिक पूर्णिमा कब है ।Puranmashi kab ki hai | Poornima | Purnimadate 2025

CI@Jyotish25
5 Min Read

कार्तिक पूर्णिमा 2025 कब है? महत्व, तिथि और पूजन-विधान

हरि ओम प्रिय दर्शकों, इस लेख में हम जानेंगे कि कार्तिक पूर्णिमा 2025 में कब है और इस दिन का क्या महत्व माना गया है।

🗓️ कार्तिक पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय

  • कार्तिक पूर्णिमा को बड़ी पूर्णिमा कहा जाता है। यद्यपि पूर्णिमा हर महीने आती है, परंतु कार्तिक महीने की पूर्णिमा का पुण्य अक्षय माना जाता है।
  • पूर्णिमा 4 नवंबर 2025 की रात्रि 10:35 बजे प्रारंभ होगी।
  • पूर्णिमा 5 नवंबर 2025 की शाम 6:48 बजे तक रहेगी।
  • क्योंकि 5 नवंबर को पूर्णिमा उदय तिथि में है और पूरा दिन पूर्णिमा रहेगी, इसलिए कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर 2025 को ही मनाई जाएगी।

🌺 सत्यनारायण कथा और व्रत कब करें?

  • आप 5 नवंबर 2025 को ही:
  • भगवान सत्यनारायण की कथा
  • व्रतजप, तप और दानचंद्र Darshan|
  • दीपदान (देव दीपावली) सभी कर सकते हैं।

🛕 तीर्थ स्नान और घर पर स्नान

इस दिन तीर्थ स्नान का विशेष महत्व है।यदि तीर्थ जाना संभव न हो, तोःघर के स्नान जल में गंगाजल या तीर्थ जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।यह भी समान पुण्य प्रदान करता है।

🌙 चंद्र उदय का समय

5 नवंबर 2025 को शाम 5:27 बजे उदय होंगे।

इसके बाद आप चंद्र पूजन कर सकते हैं।

🪔 दीपदान (देव दीपावली)

  • दीपदान का सर्वोत्तम समयः
  • शाम 5:30 बजे से 7:00 बजे के बीच
  • घर, मंदिर या नदी किनारे दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है।

🌟 कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

  • इस दिन किए गए जप, तप, व्रत और दान का फल अक्षय रहता है।
  • कई स्थानों पर इस दिन विशेष सिद्धि साधनाएँ भी की जाती हैं।
  • इसलिए इसे देव दीपावली भी कहा जाता है।

📌 निष्कर्ष

  • कार्तिक पूर्णिमा 2025
  • तारीखः 5 नवंबर 2025
  • पूजनः सत्यनारायण कथा, व्रत, दान, दीया जलाना
  • चंद्र उदयः शाम 5:27 बजे
  • दीपदान: 5:30 PM – 7:00 PM

यदि आपके कोई प्रश्न हैं या आप किसी विशेष विषय पर जानकारी चाहते हैं, तो कृपया कमेंट में लिखें। हम जल्द ही आपके प्रश्नों का उत्तर देने का प्रयास करेंगे। लेख पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

अपनी कुंडली या उससे संबंधित जानकारी के लिए Ci Jyotish से संपर्क करें

>> WhatsApp No +91-7304070381

हमारी सेवाओं में कुंडली विश्लेषण, जन्म कुंडली तैयार करना और परामर्श, रत्न, रुद्राक्ष, मुहूर्त की जानकारी, यंत्र, ऑनलाइन पूजा, और वास्तु, शामिल है



                DISCLAIMER

इस वेबसाइट पर प्रस्तुत सभी जानकारी का उद्देश्य केवल सूचना और मनोरंजन प्रदान करना है।हमारी सामग्री का कुछ हिस्सा सत्य घटनाओं पर आधारित हो सकता है, जबकि कुछ भाग काल्पनिक हो सकता है।हमारा मकसद किसी भी जाति, धर्म, समुदाय, परंपरा या मान्यता को ठेस पहुंचाना नहीं है। वेबसाइट पर साझा किए गए विचार और अनुभव संबंधित व्यक्तियों के निजी विचार हैं।हम इन घटनाओं की पुष्टि नहीं करते और न ही किसी प्रकार के अंधविश्वास या सामाजिक प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं। हमारा उद्देश्य केवल ज्योतिष, सनातन धर्म और अन्य धार्मिक विषयों की जानकारी प्रदान करना है, न कि किसी विशेष मान्यता को थोपना वेबसाइट निर्माता बलराम पाण्डेय और टीमइस सामग्री के लिए किसी भी प्रकार की कानूनी, वितीय, या व्यक्तिगत दायित्व की जिम्मेदारी नहीं लेते। हम किसी भी प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष, आकस्मिक, विशेष, या परिणामी क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।हम प्रकृति, प्रत्येक व्यक्ति और जीव-जंतुओं का पूर्ण सम्मान करते हैं और किसी भी प्रकार की हानि पहुंचाने के सख्त खिलाफ हैं। इस वेबसाइट की सामग्री को मानना या न मानना पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर करता है।किसी भी प्रकार के दान, चंदा या आर्थिक लेन-देन के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। यदि किसी भी प्रकार का ऑनलाइन थोखाधड़ी (फॉड) होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आपकी स्वयं की होगी। हमारे वेबसाइट पर मौजूद किसी भी वीडियो या सामग्री की नकल या पुनः उपयोग कॉपीराइट कानूनों के अंतर्गत आता है। ऐसा करने पर आपके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जागरूक रहें, सतर्क रहें।
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Call Us Whatsapp